• Diabetes Education & Research Center, Asuran (Medical College Road), Gorakhpur
  • Mon - Sat 8.00 - 18.00. Sunday CLOSED

कविताएं

कविताएं

उस वक़्त मैं जवान था

उस वक़्त मैं जवान था
उस वक़्त मैं जवान था
पैसा था सम्मान था
पैरों में मेरे आसमान था

दिन रात व्यस्त था मैं
अपने मैं मस्त था मैं
पीछे पड़ा है कोई
इस बात से अनजान था
उस वक़्त मैं जवान था
उस वक़्त मैं जवान था

जाने न, कब किधर से
मेरे पास आ गयी वह
मैं चाहता नहीं था
फिर भी  लिपट गयी वह.
मैं चुप रहा कि कोई,
सुन ले न जान ले
शर्माओ मत उसने कहा
मेरी बात मान ले.
मेरे शर्त पर चलोगे
तेरी बंदगी करूंगी
मधुमेह हूँ मैं
जिन्दगी भर साथ रहूँगी.

सच है वह जब से आयी
अपना बना लिया है
माना फंसा लिया था
पर जीना सिखा दिया है.
खाना सिखा दिया है
सोना सिखा दिया है
पैरों पर अपने चलना
मुझको सिखा दिया है.

नज़रों पे मेरी
उसकी नज़रें लगी हुयी हैं
मेरे दिल को अपने दिल में
उसने बसा लिया है.

चूमना वह चाहती है
मेरे  पाँव को हमेशा
किडनी में छुप कर रहने का
वह देखती है सपना.

एक राज़ दिल का उसने
मुझको बता दिया है
परेशानियों में खुल कर
हँसना सिखा दिया है.

हर रोज़ दवा खाना
नियमित कराना जांच
मधुमेह डार्लिंग संग
हंस कर बिताना साथ.

“बागीश” हंसी रात है
हिम्मत से पूरे काट
उस वक़्त तू  जवान था
अब भी है तू जवान
मधुमेह संग जीने का राज 
तुने लिया है जो जान.

बागेश्वरी प्रसाद मिश्रा "बागीश"

वैधानिक चेतावनी

यह वेबसाइट मधुमेह रोगियों एवं जनसाधारण को इस रोग एवं इसके विभिन्न पहलुओं के प्रति जागरुक करने के लिये है। यह चिकित्सक का विकल्प नहीं है। अपनी चिकित्सा के लिये सदैव अपने चिकित्सक से सम्पर्क बना कर रखें।